Tahajjud Ki Namaz | तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

Assalamualaikum , आज का आर्टिकल Tahajjud ki namaz इसलिए खास है क्योंकि आज आप अल्लाह ताला के एक बहुत ही बेहतरीन नेमतों में से एक के बारे में जानेंगे ।

Tahajjud ki namaz एक बहुत ही बेहतरीन नेमतों में से है , अल्लाह ताला ने इस नमाज में इतनी बरकत और इतनी ताकत रखी है की आप सोच भी नही सकते ।

जो भी शक्स इस नफिल नमाज को दिल से अदा करता है , अल्लाह ताला इसकी हर जायज हाजत को कुबूल फरमाता है

जिस वक्त सभी लोग सोए हुए होते हैं अगर उस वक्त इस नमाज को पढ़कर यानी की 12 बजे के बाद अगर इस नफील नमाज को पढ़कर अल्लाह को राजी किया जाए तो अल्लाह ताला बेहद जल्दी राजी होता है ।

tahajjud ki namaz

तहज्जुद की नमाज के वक्त अल्लाह ताला पहले आसमान पर आकर कहते हैं की “है कोई मुझसे मांगने वाला , की को कोई कुछ मांगे वो मे उसको दे सकूं।”

अगर आप अपनी नमाज़ो में बेहद दुआ करते हैं और इसी के साथ साथ नफिल नमाज़ें भी अदा करते हैं और आपकी कोई हाजत है जो पूरी नहीं हो रही है , तब आपको ऐसा सोचने की जरूरत नहीं की अल्लाह ताला सुन नहीं रहा है ।

बल्कि ऐसा है की अल्लाह ताला को आपकी की हुई दुआएं और आपका उससे रो रो कर मांगना बेहद पसंद आ रहा है और वो आपकी आवाज बार बार सुनना पसंद कर रहा है ।

tahajjud ki namaz ka tarika

तहज्जुद की नमाज का तरीका आसान है। इसमें जब भी आप तहज्जुद पढ़ना शुरू करें तब थोड़ी-थोड़ी नफिल करना शुरू करें।

पहले दिन पढ़े तो दो नफिल पढ़ें फिर दूसरे दिन पढ़ें तब चार नफिल पढ़ें और ऐसे करते-करते जितनी ज्यादा नफिल आप बढ़ा सके उतनी नफिल पढ़ें ।

दो दो रकात के बाद आपको सलाम फेरना है और हर दो रकात नमाज के बाद आपको कुरान शरीफ की तिलावत करनी है।

जैसे अगर आप चार रकात नमाज पढ़ रहे हैं तो दो रकात नमाज पढ़ कर कुरान शरीफ की तिलावत करें फिर दो रकात नमाज अदा करें।

जब भी आप तहज्जुद की नमाज अदा करें तब ध्यान रखें की रुकू और सजदा दोनों एक ड्यूरेशन के करें।

अगर आप सजदा 20 सेकंड का कर रहे हैं तो आप रुकु भी बीस सेकंड का ही करें।।

कुरान शरीफ की आयतों को ध्यान से और समझ कर पढ़ें और इसी के साथ-साथ अस्तगफर ज्यादा से ज्यादा करें और अल्लाह ताला से ज्यादा से ज्यादा दुआ करें।

नमाज इतनी अदा करें जितनी आप कर सकते हैं ज्यादा मुशक्कती नमाज ना पढ़ें ।

शाही बुखारी की हदीस है कि हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जितनी नमाज अदा कर सको उतनी अदा करो अल्लाह ताला नेमतें और अजर देता हुआ नहीं थकता लेकिन बंदा अमल करता थक जाता है।

tahajjud ki namaz ka time

वैसे तो तहज्जुद की नमाज आप 12 बजे के बाद यानी की जवाल के वक्त के बाद कभी भी पढ़ सकते हैं ।

लेकिन कई हदीस में यह है की हमारे हुजूर पाक सल्लाहु अलैहि वसल्लम एक नींद लेकर तहज्जुद की नमाज पढ़ा करते थे ।

जैसे आप जवाल के बाद तक की एक नींद ले लें फिर उसके बाद तहज्जुद के नाफिल अदा करें ।

या फिर आप फजर की नमाज से कुछ देर पहले उठ जाएं और तब तहज्जुद के नाफिल फजर की अज़ान से पहले अदा करें ।

tahajjud ki namaz ki niyat | तहज्जुद की नियत

तहज्जुद की नमाज की नियत भी ऐसे ही करें जैसे आप और नफील नमाज की करते हैं ।

अगर आप तहज्जुद पढ़ने लगे हैं या फिर आपका दिन तहज्जुद की ओर जा रहा है तब आपको ये बात जरूर जान लेनी चाहिए ;

  • अगर आपका दिल तहज्जुद के लिए करने लगा है तब खुश हो जाओ क्योंकि अल्लाह ने तुम्हे अपने खास बंदों में शुमार कर लिया है ।
  • Tahajjud एक बेहतरीन और लाडली इबादत है जोकि सिर्फ उसके खास और लाडले बंदों को ही मिलती है ।
  • ऐसा कभी नहीं हो सकता की एक बंदा दिल से तहज्जुद में अल्लाह को राज़ी करके जायज दुआ करे और उसकी दुआ कुबूल न हो।
  • तहज्जुद दुआओं की qubooliyat के लिए ही बनाई गई है , अगर आपको कोई दुआ तहज्जुद तक ले गई है तो जान लो की आपकी दुआ कुबूल हो चुकी है ।
  • जो भी दुआ तुम तहज्जुद में कर रहे हो वो कुबूल हो चुकी है , बस वो रंग इसलिए नही लाई है ताकि तुम्हारा दुआ का रिश्ता अल्लाह से बना रहे ।

FAQ

Can I pray tahajjud at 1 am?

Yes, you can .

Is Tahajjud namaz sunnah or nafl?

Tahajjud namaz is nafl.

Can I pray Tahajjud 5 minutes before Fajr?

Yes, you can .

Kuch alfaaz

दोस्तो, उम्मीद करती हु की ये आर्टिकल Tahajjud ki namaz आप सभी के लिए एक नई उम्मीद का आगाज बनेगा और आप तहज्जुद के फायदे और फजीलत जानकर इसको रोजाना पढ़ना शुरू करेंगे ।

ऐसे हे और इस्लामिक आर्टिकल के लिए मेरी वेबसाइट all dua in hindi को फॉलो करते रहे।

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